Tuesday, February 11, 2020

हासत नाचत गात जाई सदगुरुचे गान

हासत नाचत गात जाई सद्गुरुचे गुणगान | नाही चित्ता भवभयबंधा नित्य मुक्ती स्नान || गाई रे...

सद्गुरू माधव, माधव सद्गुरू | भवाब्धिचे सत्य तारी |
बोध शीड नित्य उभारी, फडकवी सोऽहं निशाण ||
नामनौकी बैस निरंतर | सदगुरू माधव धावे सत्वर |
शुद्ध प्रेमे आतबाहेर | करविल तुज भगवान ||१ ||

आनदसागरी न्हाऊ घालील | जाणीवरहित ठेविल निश्चळ |
धाम नजंजन दाविल  विमल | देऊनी ह्रदय आपुले दान ||
सृष्टी सारी करील स्वरुप | तया सुखासी अंत ना माप |
ह्रदयद्वारे घडघडी  प्रेमे | सोडुनी मानामान ||
गाई श्रीगुरूचे गान || 2 ||

गगनी जाई विरल  होऊन | ते ही जाणीव देई |
आत्माराम तोचि मोहन | सडून 'तो मी' चे गुणगान ||
गाई रे सद्गुरू चे गुणगान || 3 ||

देह शिवालय आत्मा शंकर |
इंद्रिय सारी शिवगण सुंदर  | सोऽहं सोऽहं वाहे ह्रदयरुधिर |
श्रवणाविणा ही नाद ऐकता | ठाई तू श्रीमान |
गाई श्रीगुरुचे गान || 4 ||

लेखन:- सुमनताई ताडे

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